धूम्रपान न करने वालों को भी हो सकता है Lung Cancer

Riya Bawa
Jul 12, 2024

इन दिनों फेफड़ो के कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. दुनियाभर में इसके बढ़ते मामलों ने हेल्थ एक्सपर्ट को हैरान कर दिया है.

कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो कई मामलों में जानलेवा साबित हो सकती है.

वैसे तो कैंसर कई प्रकार के होते हैं लेकिन फेफड़ो का कैंसर लोगों के बीच तेजी से अपने पैर पसार रहा है.

फेफड़ो का कैंसर ज्यादातर धूम्रपान करने से होता है लेकिन हाल ही में इससे संबंधित एक चौंकाने वाली ताजा स्टडी सामने आई है.

दरअसल इस स्टडी से यह पता चलता है कि lung cancer पश्चिमी लोगों की तुलना में धूम्रपान न करने वाले भारतीयों को पहले प्रभावित करता है.

स्टडी के मुताबिक भारत में फेफड़ो का कैंसर तीसरा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है.

स्टडी से यह भी पता चलता है कि हमारे देश भारत में lung cancer के 50% से ज्यादा मरीज ऐसे हैं जो धूम्रपान नहीं करते हैं.

रिपोर्ट्स के अनुसार वर्ष 2020 में दक्षिणपूर्व एशिया में फेफड़ो के कैंसर के 18.5 लाख नए मामले सामने आए जबकि 16.6 लाख लोगो की इससे मौत हुई.

अध्ययन में कहा गया है कि धूम्रपान न करने वालों में इस कैंसर के महत्वपूर्ण जोखिम कारकों में वायु प्रदूषण (विशेष रूप से पार्टिकुलेट मैटर PM2.5), एस्बेस्टस, क्रोमियम, कैडमियम, आर्सेनिक और कोयले के संपर्क में आना शामिल है.

इसके अलावा हार्मोनल कंडीशन, जेनेटिक फैक्टर और पहले से मौजूद फेफड़ों की बीमारी जैसे कारक भी धूम्रपान न करने वालों में लंग कैंसर के मामलों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

Disclaimer

इस लेख में दी जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. ZEEPHH इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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